June 29, 2025 1:23 AM

1जुलाई को शिक्षक साझा मंच का शाला बहिष्कार

शिक्षक रहेंगे एक दिन के सामूहिक अवकाश पर,सेटअप में कटौती पर रार

केशकाल। युक्तियुक्त करण के विरोध में शिक्षक साझा मंच द्वारा चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है।जिसके तारतम्य में 1 जुलाई मंगलवार को सारे शिक्षक सामूहिक अवकाश में रहेंगे और विकासखंड स्तरीय प्रदर्शन में भाग लेंगे। जिसकी सूचना संघ के पदाधिकारियों ने कार्यालय प्रमुख को दे दी है।

जिला संचालक कौशल नेताम ने बताया कि प्राथमिक में केवल 2शिक्षक एवं माध्यमिक में 4 शिक्षकों वाले सेटअप से विद्यार्थियों के भविष्य को संवारना सम्भव नहीं है।

अधिकारियों ने शासन को भ्रामक जानकारी देकर जिसमें शिक्षक वर्षों से एक हो शाला में जमे है, फला शाला में दर्जनों शिक्षक है जैसे तथ्यहीन आंकड़े प्रस्तुत किए है जिससे शासन की छवि धूमिल हो रही है।

वहीं अधिकारियों ने अपनी पीठ थपथपाने आनन फानन में काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी कर दी जिसमें व्यापक गलतियां हुई है।कई स्कूलों में वरिष्ठ को कनिष्ठ बना अतिशेष किया गया,सेवानिवृत के करीब पहुंचे शिक्षकों को भी नहीं बख्शा गया।वहीं गंभीर बीमारी ग्रसित एवं नक्सली प्रभावित शिक्षकों,पति पत्नी प्रकरण को भी अमान्य कर सुदूर इलाकों में पोस्टिंग कर दिया गया है।

शिक्षक साझा मंच स्कूलों को मर्ज करने के भी विरोध में है जहां ऐतिहासिक शालाओं के अस्तित्व को शून्य कर दिया गया है।वही ग्राम ,मोहल्लों के स्कूलों भी बंद कर दिया गया है जहां कम दर्ज संख्या है।

वहीं ब्लॉक संचालक अमित मंडावी ने जानकारी देते हुए बताया कि बिना सोचे समझे युक्तियुक्त करण करने से शिक्षकों में अनावश्यक दबाव पड़ रहा है।एक प्राथमिक शाला का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दो शिक्षकों से लैस इस संस्था में एक शिक्षिका चिकित्सा अवकाश में है ,संकुल में भी एक्सेस शिक्षक नहीं जिसे कुछ दिनों के लिए अटैच किया जा सके। ऐसे में प्राथमिक शाला के बच्चों को केवल एक शिक्षक के भरोसे गुणवत्तायुक्त शिक्षा देना जिसमें कार्यालयीन कार्य भी शामिल है,टेढ़ी खीर है।

मंडावी ने कहा ये तो केवल वर्तमान रुझान है । दूरगामी परिणाम और भी अनियंत्रित होंगे।अधिकारियों ने शासन की छवि धूमिल करने का कार्य किया है।आंदोलन हमारी मजबूरी हो गई है।

युक्तियुक्त करण के विरोध में ,और सेटअप को यथावत रखने एवं अपनी लंबित मांगों को लेकर 1 जुलाई को बोरगांव में प्रदर्शन में ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों के शामिल होने की संभावना है।

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