



केशकाल/महफूज अली
चुनाव प्रशिक्षण कोंडागांव में ,दूरस्थ कर्मचारी आवागमन से परेशान
किसी की बस छूटी तो कोई आया लिफ्ट से
केशकाल। लोकसभा चुनाव हेतु मतदान कर्मियों का प्रशिक्षण विकासखंड वार करने की मांग छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा ने की थी। भीषण गर्मी एवं आवागमन के जोखिम को देखते हुए संयुक्त मोर्चा ने यह मांग जिला निर्वाचन अधिकारी को सौंपी थी. फिर प्रशिक्षण के एक दिन पहले पुनः निवेदन किया परन्तु विकासखंड मे प्रशिक्षण नही हो सका।जिससे कर्मचारियो को 80 किमी मोटरसाइकिल मे सफर करना पड़ रहा है।
गत विधानसभा चुनाव में प्रशिक्षण अव्यवस्था, दुर्घटना, वरिष्ठता के आधार पर पीठासीन की नियुक्ति नहीं किए जाने आदि समस्याओं के संदर्भ में अधिकारी कर्मचारियों ने जिला निर्वाचन अधिकारी को अवगत कराया है। परंतु पुनः वैसे ही इस अव्यवस्था इस लोकसभा चुनाव प्रशिक्षण में देखने को मिल रही है। सबसे बड़ी अव्यवस्था नव पदस्थ शिक्षको को या संविलयन प्राप्त शिक्षको को सीधे पहली बार लोकसभा मे पीठासीन बना दिया गया.. जबकि नियमित उच्च शिक्षक से बने व्याख्याता को मतदान अधिकारी एक बना दिया गया. उल्लेखनीय हो जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आयोजित परामर्शदात्री बैठक मे उनके अधिनस्थ दो अधिकारीयो ने वर्तमान वेतनमान के आधार पर पदाधिकारीयो की टीम तैयार होने की बात कही थी, वह भी हवाई फायर हो गयी ।विकासखंड बडेराजपुर, केशकाल, माकड़ी, फरसगाँव ब्लॉक के मतदान अधिकारियों का पहला प्रशिक्षण जिला कार्यालय में ही सम्पन्न हुआ है। आने वाले समय में दो प्रशिक्षण और होंगे, जिससे कर्मचारी नाखुश हैं। और अपनी मांगों पर फिर से ध्यानाकर्षण करने हेतु आगामी विधान सभा के पूर्व वितरण केन्द्र केशकाल व विकास खण्ड स्तरीय प्रशिक्षण की बात कह रहे है ।
भले इस हेतु मुख्य निर्वाचन आयोग से जाकर मुलाकात की बात कह रहे है। विदित हो इस विषय पर पूर्व विधायक ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र विधानसभा के पहले लिखा था तब मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सुरक्षा का हवाला देकर इस लोक सभा मे वितरण केन्द्र केशकाल करने की बात कही पर यह भी नही हो सका।
आपको बता दें कि कांकेर जिले एवं धमतरी जिले में विकासखंड स्तरीय प्रशिक्षण दिए जाने हेतु आदेश जारी कर सफलतापूर्वक प्रशिक्षण हो रहा है ,तो फिर ऐसी व्यवस्था कोंडागांव जिले में क्यों नही हो पायी है?यह समझ से परे है। साथ ही वरिष्ठता के बावजूद शिक्षकों को मतदान अधिकारी एक, दो ,तीन बनाया गया है ,जबकि कनिष्ठ वर्ग को पीठासीन बना दिया गया है ।वहीं सेवा निवृत्ति की कगार पर पहुंचे कई शिक्षकों को भी निर्वाचन कार्य हेतु आदेशित किया गया है ,जिससे अधिकारी कर्मचारी वर्ग काफी नाराज है।बडेराजपुर विकासखंड मे 55 से ऊपर आयु के सभी लोगो की डयूटी लगा दी गयी और 55 वर्ष से नीचे बहुत सारे शिक्षक छुट गये है । सोशल मीडिया भी अपनी नजर बनाए हुए है। खबर है कि निर्वाचन अधिकारी द्वारा इस जिले मे पहली बार पीठासीन व मतदान अधिकारीयो की लिखित मे परीक्षा का आयोजन किया जा रहा और मास्टर ट्रेनर के जानकारी अनुसार तीन बार आयोजित परीक्षा मे यदि कर्मचारी अनुत्तीर्ण हो जाता है, तो उसकी जानकारी उच्च कार्यालय को प्रेषित कर दी जाएगी। यह जानकारी मिलते ही वरिष्ठ शिक्षको मे चिन्ता होने लगी है ।उन्होने कहा आज हम सेवानिवृत्त के करीब 58, 60 या 62 वर्ष मे भी मतदान कार्य को सफलता पूर्वक सम्पन्न करने दृढ़संकल्प ले चुके है. लेकिन इस प्रकार परीक्षा का आयोजन कर जिला प्रशासन हमे मानसिक चिन्ता मे डाल चुकी है। राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश पर गंभीर बिमारी,विकलांग को गत विधानसभा मे जिला मेडिकल बोर्ड कोंडागांव ने कर्मचारीयो को मतदान कार्य से अलग रखा और आज उन्ही कर्मचारियो की फिर से ड्युटी लगा दी गयी और दूसरी बार मेडिकल बोर्ड के सामने खड़ा होना पड रहा है । जब कोंडागांव निर्वाचन कार्यालय मे कार्य करने वाले शिक्षको को परम्परानुसार चुनाव लिस्ट से हटा लिया जाता है तो गंभीर बिमारी वाले शिक्षको को बार-बार मेडिकल बोर्ड के सामने क्यो खडा होना पड़ता।यदि इनका नाम हटा दिया जाता तो दोनो का समय बच जाता।
अब देखना यह है कि कोंडागांव के निर्वाचन अधिकारी कर्मचारियों की विभिन्न मांगो पर कितना ध्यान देते हैं अथवा नहीं।
