




उमला में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया भूमकाल दिवस
कोंडागांव। उमला में मनाए गए भूमकाल दिवस के अवसर पर समाज के युवा युवती में क्रांतिकारी जोश देखने को मिला। मंच से अतिथियों ने कहा कि अपने पूर्वजों का बलिदान ऐसा ही खाली जाने नहीं देंगे। पूर्वजों ने भी जब अपनी तकलीफ नहीं सही तो हम क्यों सहे ?
समाज में गुंडाधुर के विचारों के माध्यम से अत्याचार को रोकना पड़ेगा।बस्तर ने भूमकाल आंदोलन का नेतृत्व किया था। भूमकाल क्रांति के महानायक अमर शहीद गुण्डाधुर ने आजादी के 37 साल पहले सन् 1910 में बस्तर जैसे वनांचल क्षेत्र में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई छेड़ी थी। भूमकाल आंदोलन आदिवासियों के स्वाभिमान, आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन तथा आदिवासियों की स्वतंत्रता की लड़ाई थी। उन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद अंग्रेजों से लोहा लिया। वो अंग्रेजों के सामने झुके नहीं। उन्होंने आदिवासी समाज को जोड़ा।
दरअसल आजादी सेे पहले अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में भी विरोध का स्वर उठा था। इस विरोध को बुलंद करने में आदिवासी जननायकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था। इन्हीं जननायकों में से एक अमर शहीद गुुडाधुर के नेतृत्व में सन् 1910 में बस्तर में हुए भूमकाल विद्रोह में आदिवासियों ने जल, जंगल और जमीन के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ डटकर संघर्ष किया था। आदिवासी चेतना के प्रतीक के रूप में शहीद गुंडाधुर जनमानस में हमेशा से जीवित रहें हैं। उनका बलिदान हमेशा आदिवासियों को शोषण के विरूद्ध आवाज बुलंद करने का साहस देता रहेगा।
छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य में रहने वाले स्थानीय लोग हर साल 10 फरवरी को भूमकाल दिवस के तौर पर मनाते है। माना जाता है कि इसी दिन 1910 में बस्तर के आदिवासियों की तरफ से अंग्रेजो के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंका गया था।भूमकाल का अर्थ होता अपनी भूमि के हक की खातिर लड़ना। भूमकाल आंदोलन में अंग्रेजो के खिलाफ लड़ने वाले हजारों आदिवासियों ने अपनी जान गंवाई थी। शहीद गुंडाधुर को भूमकाल का नायक माना जाता है।
मुख्य अतिथि के रूप में मनीराम मंडावी सरकारी वकील कोंडागांव केशकाल, गोंडवाना सामायिक समिति ईरागांव क्षेत्र अध्यक्ष रामलाल उसेंडी, सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग जिला उपाध्यक्ष कोंडागांव शिवा नेताम ,सरपंच रमेश मंडावी,सरपंच बंसी सलाम पडडे,सुकलाल कावडे ,ईरागांव,
रिसऊ कावड़े,राजेन्द मातलाम, सुरुज नेताम व ग्राम से युवा युवती एवं सियान व गायता, पटेल और ईरागांव परगना, क्षेत्र के समस्त सम्माननीय समाज प्रमुख उपस्थित थे।
