June 21, 2025 10:55 AM

वनसंरक्षक के निर्देश का खुला उल्लघंन कर करोडों का बंदरबांट करते किये जा रहे व्यय को निष्फल*

*महालेखाकार के आडिट रिपोर्ट मे हुआ उजागर*
*लैंटाना उन्मूलन बना आबंटन उन्मूलन योजना ,प्रधान मुख्य वनसंरक्षक के निर्देश का खुला उल्लघंन कर करोडों का बंदरबांट करते किये जा रहे व्यय को निष्फल*
केशकाल |” छत्तीसगढ में छत्तीसगढ के ही प्रधान मुख्य वन संरक्षक के स्थाई निर्देश के अनुसार जुलाई माह के बाद लैंटाना उन्मूलन का कार्य किसी भी तरीके से नहीं किया जाना है ,क्योंकि मिट्टी में नमी न होने की वजह से पूरी तरह जड से उखाडा नहीं जा सकता केवल उपरी सतह को काटने पर पुन: लैंटाना आ जाता है | अत: इसे जड से उखाडा जाना आवश्यक है जो बारिश के मौसम जुलाई माह में ही किया जा सकता है क्योंकि मिट्टी में नमी होने की वजह से लैंटाना जड सहित उखड जाता है साथ ही लैंटाना में सितंबर पश्चात फुल लग जाते है जो सुखकर झडने लगते हैं जो बाद में नमी प्राप्त होते ही पनपने लगते हैं । अत : लैंटाना में फुल लगने से पूर्व अर्थात जुलाई माह में उखाडा जाना आवश्यक अन्यथा बाद के महीनों में कार्य किये जाने से कार्य के परिणांम निष्फल होते हैं । ” कार्यालय महालेखाकार (लेखा परीक्षा
) छत्तीसगढ रायपुर द्वारा लैंटाना उन्मूलन कार्य पर किया गया अनियमित व्यय विषय पर दिनांक 08- 01- 2021 को उत्तर सहित मूलत: वापस करने प्रेषित आडिट आपत्ति पत्र क्र./सी.ए./वन/व्यय/ 48 में यह उल्लेखित किया गया था ।
महालेखाकार के वरिष्ठ लेखा परीक्षा
अधिकारी के द्वारा लैंटाना उन्मूलन कार्य पर किये जा रहे अनियमित व्यय पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने गंभीरता से गौर कर लैंटाना उन्मूलन के नाम पर पूरे प्रदेश में हो रहे अनियमित एवं निष्फल व्यय पर रोकथाम लगाने के लिये सख्त उपाय करने की बजाय जिन वनपरिक्षेत्रों – वनमंडलों में छत्तीसगढ प्रतिकरात्मक वनरोपंण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरंण द्वारा प्रदत्त करोडों करोडों के आबंटन का अपने ही विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक के द्वारा जारी स्थाई निर्देश की अवहेलना कर अनियमित व्यय कर व्यय राशि को निष्फल करने वाले वन अधिकारियों को संरक्षण प्रोत्साहन देते पुरस्कृत करते पदोन्नति प्रदान कर दिया जा रहा है ।
उल्लेखनिय है कि वित्त वर्ष 2020-21,2021-22,2022-23 में लैंटाना उन्मूलन हेतु करोडों करोडो का आबंटन प्रदान किया । प्रदत्त आबंटन में अधिक से अधिक बंदरबांट कर लेने के फिराक में छत्तीसगढ प्रतिकात्मक वनरोपंण निधि प्रबंधन के पत्र क्र.3283 दिनांक 19-08-2020 द्वारा लैंटाना अथवा यूपीटोरियम कार्य किये जाने हेतु निर्धारंण किये गये दर का भी खुला उल्लघंन कर काम करवाना बताकर अधिक भुगतान दर्शा लिया गया वंही अधिकांश जगह तय समय जुलाई के बाद लैंटाना में फूल फल आ जाने तथा मिट्टी से नमी चले जाने के बाद कटवा या उखडवाकर उसी स्थल पर जमा करवा दिया गया । जिसके चलते न जड से लैंटाना उखड पाया और फूल फल लगने के बाद जिसे काटा उखाडा गया उसका बीज स्थल पर ही गिर जाने से तथा वंही पर रख दिये जाने से जिससे फिर से लैंटाना उगने की संभावना बढ गया वंही किया गये कार्य एवं व्यय का निष्फल होने की संभावना बढ गया ।
जानकारों का यह मानना है की जिस वन क्षेत्र मे लैंटाना का कोई नामों निशान भी नहीं था वंहा लैंटाना उन्मूलन का काम कराना दर्शाकर कूचरचित फर्जी बिल व्हाऊचर लगाकर आबंटन सफाचट कर लिया गया । लैंटाना उन्मूलन के नाम से पूरे प्रदेश में जिस तरह से फर्जीवाडा कर करोडों करोडों का वारा न्यारा किया जा रहा उस पर विभाग और सरकार ने समय रहते गंभीरता से गौर नहीं किया गया और ब्यापक पैमाने पर किये गये गडबडी को अंजाम देने वाले कयी रेंजर को एस.डी.ओ. बनाकर उपकृत कर दिया गया है । विभाग और शासन द्वारा इस पर जांच कार्यवाही न किये जाने पर इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय में दस्तक देने की भी तैय्यारी किये जाने की जानकारी मिलने लगी है ।

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